READER's JOY : A PLACE FOR GOOD READING (A bi-lingual Hindi -English Blog) / *NEW STYLE * NEW SUBJECTS* *SPICY LANGUAGE "कबिरा खड़ा बाज़ार में, सबकी मांगे खैर. ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर .."
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वह कुछ जाना-पहचाना सा लग रहा था.पूछा तो मंटो के टोबा टेक सिंह की तरह कुछ इस तरह बड़बड़ाया'ओपड़ी गुड़गुुड़दी एक्सवाईज़ेड की डेमोक्रेसी ...
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13सितम्बर,2017 की पोस्ट से आगे की कहानी... डान क्विगजोट की रेल यात्रा **************************** जनाब अकबर इलाहाबादी साहब बह...
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व्यंग्य-विनोद की चाशनी में डुबाकर परोसी गयीं पुरानी कहानियाँ (पुरानी कहानियाँ नये अंदाज़ में) सीरीज़ ...
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