READER's JOY : A PLACE FOR GOOD READING (A bi-lingual Hindi -English Blog) / *NEW STYLE * NEW SUBJECTS* *SPICY LANGUAGE "कबिरा खड़ा बाज़ार में, सबकी मांगे खैर. ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर .."
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
वह कुछ जाना-पहचाना सा लग रहा था.पूछा तो मंटो के टोबा टेक सिंह की तरह कुछ इस तरह बड़बड़ाया'ओपड़ी गुड़गुुड़दी एक्सवाईज़ेड की डेमोक्रेसी ...
-
13सितम्बर,2017 की पोस्ट से आगे की कहानी... डान क्विगजोट की रेल यात्रा **************************** जनाब अकबर इलाहाबादी साहब बह...
-
व्यंग्य-विनोद की चाशनी में डुबाकर परोसी गयीं पुरानी कहानियाँ (पुरानी कहानियाँ नये अंदाज़ में) सीरीज़ ...
Very nice Joshi Ji.I also support that rituals have no importance, yes truth only prevails.So nice.
ReplyDeleteThank you Dada .
Delete